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सुनना / विनोद शर्मा
Kavita Kosh से
सुनना
(सुनने का अर्थ)
केवल कानों से सुनना
(कहने वाले मुंह से निकलकर
कुछ ध्वनियों का
सुनने वाले कानों से टकराना भर)
नहीं
बल्कि जो कहा जा रहा है
उसका अर्थ क्या है? उसे समझना,
और बात सुनते ही
कहने वाले का उद्देश्य और आशय भांप लेना
उसकी वाग्मिता, शब्द-निष्ठा
सत्यप्रियता और उसके बोलने की शैली
के तिलिस्म की थाह पा लेना भी है
सुनना भीा एक कला है
जिसे सिद्ध कोई विरला ही कर पाता है
इस कला की साधना का संकल्प
कलाकार को विनम्र और सहनशील बनाता है।