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सुबह होगी अभी / विष्णु नागर
Kavita Kosh से
मैं दिन हूँ
या रात हूँ अंधेरी
या दिन अंधेरा हूँ
रात हूँ उजेली
या दिन हूँ कि साफ़ दीखता है
या रात हूँ कि दिया जलता है
या दिन हूँ कि डूबने वाला हूँ
या रात हूँ कि सुबह होगी अभी।