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स्वभाव-2/ अम्बिका दत्त
Kavita Kosh से
हम सब सपेरे है
साँप पालते है और जहर पीते हैं
मौत से खेलते हैं/फिर भी जीते है
मौत !
मौत हमारे इतनी नजदीक है
कि जब जी चाहा
जेब में हाथ डालकर
नोट निकाला
और छूट्टे करा लिये।