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हमरा कीन दिहोॅ / ब्रह्मदेव कुमार

Kavita Kosh से
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धनी: चलोॅ जैबै पियवा हो, पोड़ैया बजरिया
हमरा कीन दिहोॅ, हे जी कीन दिहोॅ।
घुंघुर लागल पैंजनियाँ कीन दिहोॅ॥

पिया: चलोॅ जैबै धनिया हे, पोड़ैया बजरिया
तोरा कीन देभौं, हाँ-हाँ कीन देभौं।
घुंघुर लागल पैंजनियाँ कीन देभौं॥

धनी: चलबै स्कूल जहाँ चललै अभियनमाँ
स्वच्छता के बात, बताबै छै जहवाँ
साफ-सफाई के राखबै धियनमाँ
जिनगी में पूरतै, सब्भे अरमनमाँ।
चलोॅ जैबै सिखबै हो, ज्ञान केरोॅ बतिया
हमरा कीन दिहोॅ, हे जी कीन दिहोॅ
तारा टाँकल सड़िया, कीन दिहोॅ॥

पिया: जिनगी में साफ-सफाई जरूरी
साफ राखै में कैन्होॅ मजबूरी।
एंगना दुआर घोॅर कोन्टा-उहारी
गली-कूची नाला आरो पिछुवाड़ी।
चलोॅ हम्में बतैबै हे, टोला-पड़ोसिया
तोरा कीन देभौं, हाँ-हाँ कीन देभौं
तारा टाँकल सड़िया कीन देभौं॥


धनी: हाल तनी देखोॅ हो, हाट पोड़ईया
सड़क आरो नाला कैन्होॅ दुरगतिया।
बहै छै सड़कोॅ पेॅ नाला रोॅ पनियाँ
सगरे बिथरलोॅ छै, मछरी रोॅ चोईयाँ।

चलोॅ साफ करबै हो, बोड़भै डगरिया
हमरा कीन दिहोॅ, हे जी कीन दिहोॅ
मोती जड़ल चुनरिया कीन दिहोॅ॥

पिया: चलोॅ संगे मिली-जुली करबै सफईया
घोॅर-दुआर गली-कूची आॅफिस स्कूलिया।
गंदा नै करै के करबै परनमां
साफ-सुथरा देखी केॅ नाचतै ईमनमां।
तबेॅ नाहीं फैलतै हे, कोनोॅ बिमरिया
तोरा कीन देभौं, हाँ-हाँ कीन देभौं
मोती जड़ल चुनरिया कीन देभौं॥

धनी: आपनों शरीरोॅ के करिहोॅ सफाई
साबून सेॅ रगड़ी केॅ मैल छोड़ाई।
शौच केरोॅ बाद आरोॅ खाय सेॅ पैहने
साबून सेॅ करिहोॅ हो हाथ सफाई।
नाखून कटैहोॅ हो, देखी निहरिया
हमरा कीन दिहोॅ, हे जी कीन दिहोॅ
हमरा रेशम के चोलिया कीन दिहोॅ
हमरा चाँदी बटनियाँ कीन दिहोॅ॥


पिया: कपड़ोॅ-लŸाा चकाचक राखबै
जिनगी रोॅ गाड़ी धकाधक राखबै।
पीयै रोॅ पानी, छानी-झाँपी राखबै
ताजा-ताजा गरम-गरम खाना खैबै।
आबेॅ नाहीं रहतै हे, दुखोॅ के छईयाँ
तोरा कीन देभौं, हाँ-हाँ कीन देभौं
तोरा रेशम के चोलिया कीन देभौं
तोरा चाँदी बटनियाँ कीन देभौं॥

धनी: कŸो सुन्दर लागतै हो, पोड़ैया बजरिया
हमरा कीन दिहोॅ, हे जी कीन दिहोॅ
चूड़ी सिन्दुर टिकुलिया कीन दिहोॅ।

पिया: बड़ी सुन्दर लागतै हे, पोड़ैया बजरिया
तोरा कीन देभौं, हाँ-हाँ कीन देभौं
चूड़ी-सिन्दुर टिकुलिया कीन देभौं॥
हाँ-हाँ कीन देभौं, हाँ जी कीन देभौं
तोरा रेशम के चोलिया कीन देभौं
तोरा चाँदी बटनियाँ कीन देभौं
मोती जड़ल चुनरिया कीन देभौं
तारा टाँकल सड़िया कीन देभौं
घुंघुर लागल पैंजनियाँ कीन देभौं
तोरा कीन देभौं, हाँ-हाँ कीन देभौं
हाँ जी कीन देभौं॥