हम्मर बिहार / गौतम-तिरिया / मुचकुन्द शर्मा
हम्मर बिहार हे सब दिन महान
बुद्ध पूरे विश्व के देलका उपदेश,
इहे बिहार में बसला विशेष।
सत्य, अहिंसा के पूरा प्रचार,
यहाँ बहै गंगा, गंडक के धार।
धर्मभूमि इहे है जैन महावीर,
बढ़ला हल आगे ऊ अंधकार चीर।
बुद्ध, महावीर के सगर गुणगान,
हम्मर बिहार हे सब दिन महान।
कजै झाड़ जंगल है कजैकजै रेत।
उपजे मकय, गेहूँ, दलहन, अनाज,
यहैं अशोक, चन्द्रगुप्त के हल राज।
चाणक सन ज्ञानी देलक नंद के उखाड़,
चन्द्रगुप्त देलक हल सिकन्दर के पछाड़।
उपजावे मगध के किसान खूब धान,
हम्मर बिहार हे सब दिन महान।
एकर माटी में सदा उपजल हें सोना,
भूमि पवित्तर हर गाँव, घर-कोना।
बोलऽ है मोर पपीहा हर गाँव,
आम्रपाली के वैशाली मंे छाँव।
पटना में महावीर-मन्दिर-दर्शन,
गया में श्रद्धा से पण्डि-तर्पण।
सासाराम शेरशाह सूरी-सुल्तान,
हमर बिहार हे सब दिन महान।
नालंदा कैलक विद्या में अगुवाई,
विक्रमशिला के सगर कीर्ति फैलल भाई।
अलड़ला कुंवर सिंह अंग्रेज गेल हार,
गाँधी के सत्याग्रह भूमि हे बिहार।
डॉ. राजेन्द्र के हो रहल जै-जैकार,
डॉ. श्रीकृष्ण आर जे.पी ललकार।
छात्र सब देश ले देलक हल प्राण,
हम्मर बिहार हे सब दिन महान।
गूँजल मिथिला में विद्यापति के गीत,
गाँव-परती से हल रेणु के प्रीत।
आरसी, अरुण के बड़ी कविता-सृजन,
राजाजी, बेनीपुरी हिन्दी के धन।
नया बिहार के हो रहल निरमान,
सब मिल बढ़ावो बिहारी सम्मान।
फैलल बिहार हे पूरा हिन्दुस्तान
करवै सब मिलके एक्कर गुणगान।
जन्म भूमि ई है ई हम्मर गुमान,
हम्मर बिहार हे सब दिन महान।
कजै गावै विरहा कोय कजै लोरकायन,
कजै पाठ गीता के कजै रामायण।
कजै गूँजै ग्राम-गीत कजै चैता फाग,
समता के गूँज रहल हंे नयका राग,
छोड़ो अंधेरा पर सब मिलके बाण,
हम्मर बिहार हे सबसे महान।