हम हैं पहरेदार / मधुसूदन साहा
हम विकास की ओर बढ़े हैं, मत करना व्यवधान,
सावधान है कदम-कदम पर, पूरा हिंदस्तान।
प्रगति हमारा ध्येय रहा है
प्रगती हमारी शान,
इसी राह पर किया हमेशा
सदियों से अभियान,
दिया कर्म के लिए सभी को, नित गीता का ज्ञान,
हम विकास की ओर बढ़े है, मत करना व्यवधान।
खेतों में हम खटते रहते
करते हरदम काम,
कभी नहीं लेते जीवन में
पल भर भी विश्राम,
यही सिखाता है पुरखों ने, देकर अपनी जान,
हम विकास की ओर बढ़े है, मत करना व्यवधान।
संयंत्रों में बड़ी मशीने
लगी हुई हैं आज,
बड़े काम करने हैं हमको
देती है आवाज,
युग के साथ बढ़े हैं आगे तकनीकी विज्ञान,
हम विकास की ओर बढ़े है, मत करना व्यवधान।
सारी दुनिया मान रही है
हम हैं कितने बीर,
कभी मुसीबत में भी पड़कर
होते नहीं अधीर,
सारे जग के मेहनतकश में, है अपनी पहचान,
हम विकास की और बढ़े हैं, मत करना व्यवधान।