हवा चाल री पाला पड़ता / करतार सिंह कैत
मां: हवा चाल री पाला पड़ता तेरी कित जावण की त्यारी
बेटा: के बूझैगी बात मात लगी चोट मिशन की भारी...टेक
मां: कौण सी लागी चोट तेरै मनै भेद बता दे सारा
बेटा: मेरी छाती के म्हं सेल गड़े हुया दर्द गात म्हं भार्या
मां: करवा द्यूं इलाज तेरा के दुख दुनिया तै न्यारा
बेटा: मेरे मर्ज का वैद मिलै मां समाज जुड़ै जब सारा
मां: किस तरियां की बात करै मेरे नहीं समझ म्हं आरी
बेटा: मां जिसकै आज्या बात समझ मैं मिशन रहै उड़ै जारी
मां: हवा चाल...
मां: मेरे कहे की बात मान बेटा कर जावण की टाला
बेटा: नहीं गया तै न्यूं कहंगे आज कती पाड़ग्या चाला
मां: तेरा बाबू जा र्या पाणी पै ना कोय धार काढ़णे आला
बेटा: कदे-कदे खुद काढ़ लिया कर तनै सै काढ़ण का ढाला
मां: मां नै काम बतावै सै तेरी जाण गई होशियारी
बेटा: आपे ल्यूंगा काढ़ आण कै क्यूं घणी छोह मैं आर्ही
मां: हवा चाल...
मां: मिशने मिशन पुकारै सै भई मिशन बता के हो सै
बेटा: बाबा साहब जी मिशन बतागे इसमैं नहीं ल्हको सै
मां: मनै छह छोरियां पै जाम्या था तेरा पड्या बाब्यां म्हं मोह सै
बेटा: उन बाब्यां का जिकर नहीं मां आप समझरी जो सै
मां: मैं भोली-भाली बीर पुराणी मनै समझण की लाचारी
बेटा: भीम मिशन के जाकै घर-घर समझावै प्रचारी
मां: हवा चाल...
मां: के ले राख्या नाम-दान जिद करी सत्संग म्हं जाणे की
बेटा: सत्संग कोन्या अठसंग सै लगी खटक मिशन क गाणे की
मां: किस तरियां का मिशन बताया बात नहीं शरमाणे की
बेटा: करतार सिंह नै बूझ लिए कर कोशिश अड़ै बुलाणे की
मां: तड़कै जाकै मिलूं बात उनै बुझूं न्यारी-न्यारी
बेटा: ऐसी फिटिंग करैं मिशन की बू बात समझ ले सारी
मां: हवा चाल...