हाँ रे, पहिरेली झीन कापड़ / भोजपुरी
हाँ रे, पहिरेली झीन कापड़, सिर पर मटुकिया, आरी हो सिर पर मटुकिया,
दहिया बेचे चलली ना पतरी तिरियवा, दहिया बेचे चलली ना।।१।।
हाँ रे, डगरे बुलिय-बुलि हाँक पारे गोरिया, दहिया कीनी लेहु ना,
हाँ रे, आहो बाबू-भइया, दहिया कीनि लेहु ना।।२।।
हाँ रे, घोड़वा चढ़ल अइले राजा के कुँअरवा, अहिरिन कहु-कहु ना,
अपनो दहिया के मोलवा, अहिरिन कहु-कहु ना।।३।।
हाँ रे, अंगिया के पातर गोरिया मने मुसुकाले, आहे बिहँसि के बोले ना,
बाबू केतना दही चाहीले, विहँसी के बोले ना।।४।।
हाँ रे, दहिया ले मीठे सँवरो तोहरो रे बचनिया, हाँ रे तोहरो रे सुरतिया,
हाँ रे, कहु-कहु ना अपना सुरती के मोलवा, सँवरो कहु-कहु ना।।५।।
हाँ रे, हमरो सुरतिया कुँअर बारे अनमोलवा, दहिए कीनि लेहु ना,
आहे राजा के कुँअरवा, दहिए कीनि लेहु ना।।६।।
एतना बचनिया सनतु घोड़वा से उतरले, अब घइ लिहले ना,
कुँअर संवरो के अँचरवा, कुँअर घइ लिहले ना।।७।।
छोडू-छोडू आहे कुँअर हमरो अँचरवा, आहे उधार होइहें ना,
हमरो नये रंग बेदनवा, मोर उधार होइहै ना।।८।।
कोरवा उठाइ कुँवर घोड़वे चढ़वले, आहे चलिए भइले ना,
कुँअर अपनी मन्दिलिया रामा, चलिए भइले ना।।९।।
कोरवे बइठल हँसि के बोले बारी घनिया, आहे सुनि लेहु ना,
कुँअर हमरो बचनिया, से सुनि लेहु ना।।१0।।
हाँ रे, रहिये-ही-बटिये कुँअरा लगले सनेहिया, आहो बिसरि हो जइहें ना,
कुँअर हमरो सुरतिया, तोरा बिसरि हो जइहें ना।।११।।
हाँ रे, घनिया मनावे कुँअर, लट सुघरावे, हँसि-हँसि के बोले ना,
आहे सुनु बारी घनिया, हँसि-हँसि के बोले ना।।१२।।
हाँ रे, हमरो परानवा घनिया तोहरे में बसलें, आहे बिसरिहें कइसे ना,
आहे प्रान प्यारी धनिया, बिसरिहें कइसे ना।।१३।।