भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
हाइकु 6 / लक्ष्मीनारायण रंगा
Kavita Kosh से
मरी जिज्ञासा
मून है सवाल, कठै
है नचिकेता
चीर हरण
चिरळावै द्रोपद्यां
मून क्यों कृष्ण?
चढ़ परा‘र
अहं री निसरण्यां
लड़ां हां जुध