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हाल चाल कांई बतावां भायला / सांवर दइया
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हाल चाल कांई बतावां भायला
रोज लावां रोज खावां भायला
औ सूरज है म्हांरी अनमोल घड़ी
इणी सागै सोवां-जागां भायला
काल री काल देखसां सुण तो सरी
आज तो आ सांस बचावां भायला
निभै जित्तै तो निभाणो ई है धरम
मांय रोवां ऊपर गावां भायला
ठाह पड़ जावै तो करजै मत रीस
खुद सूं ई मूंडो लुकोवां भायला