भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
हिप्पी / केदारनाथ अग्रवाल
Kavita Kosh से
हिप्पी
गाँजा
भाँग
शराब
कीर्तन
पूजन
भोग-
विलास
दाढ़ी
लम्बी
केश-
कलाप
जितना
जो है
ऊल-
जलूल
सब है
फर्जी
तुच्छ
छलाव
रचनाकाल: १५-१२-१९७२