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हृदय मध्य लागल कसाय हे / मैथिली लोकगीत
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मैथिली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
हृदय मध्य लागल कसाय हे
सखी केओ ने छोड़ाबे
एक तऽ छोड़ाबय अम्मा हे
जे कि ओद्रमे राखे
छाबा मध्य लागल कसाय हे
सखी केओ ने छोड़ाबे
एक तऽ छोड़ाबय चाची हे
जे कि गोदमे खेलाबे
बाँहि मध्य लागल कसाय हे
सखी केओ ने छोड़ाबे
एक तऽ छोड़ाबय भौजी हे
जे कि नयनमे राखे
माथ मध्य लागल कसाय हे
सखी केओ ने छोड़ाबे
एक तऽ छोड़ाबय पीसी हे
जे कि नोतल आबे