हेरित है इतिहास जौन दिन झूठ बदलि कै फुर होइगा
झूर आँख अंसुवात जौन दिन झूठ बदलि कै फुर होइगा।
हंडा चढ़ा सिकार मिले बिनु राजाजी बेफिकिर रहे
बोटी जब पहुंची थरिया मा झूठ बदलि कै फुर होइगा।
बिन दहेज सादी कै चर्चा पंडित जी आदर्स बने
कोठी गाड़ी परुआ<ref>यूँ ही, मुफ्त में</ref> पाइन झूठ बदलि कै फुर होइगा।
“खाली हाथ चले जाना है” साहूजी उनसे बोले
बस्ती खाली करुआइन जब झूठ बदलि कै फुर होइगा।
('बजरू' का देखिन महंथ जी जोरदार परबचन भवा)
शब्दार्थ
<references/>