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138 / हीर / वारिस शाह
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पाड़ चुनियां सुथनां कुडतियां नूं चक वढ के चीकदा चोर वांगू
वते फिरन परावर जयों चंद दवाले गिरद पायलां पांदियां मोर वांगू
शाहूकार दा माल जयों विच कोटांदवाले चौंकियां फिरन लहौर वांगू
वारस शाह अगयारियां भखदियां दी एहदी प्रीत जो चंद चकोर वांगू
शब्दार्थ
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