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326 / हीर / वारिस शाह

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चकी हानयां विच विचार पैंदी एहदी धुम्म तंदूर ते भठ है नी
कमजात कुपतड़ा वड कंजर डबी पुरे दे नाल दी चठ है नी
भैणे कार खोटा ठग माझड़े दा जेहा रन्न घरोली दा हठ है नी
मंग खान हराम मुशटंडयां नूं वडा सार हसधात<ref>आठ धातुओं का मजबूत मिश्रण</ref> दरी लठ है नी
मुशटंडड़े तुरत पछाण लईए कम्म डाह देहो एह तां जट है नी
एह जट है झुगड़े पट है नी एह तां चैधरी चैड़ चुपट है नी
गदों लदया सने एह छट है नी भावें वेलने दी एह तां लठ है नी
वारस शाह ना एसदा रस मिठा एह तां काठे कमाद दा गठ है नी

शब्दार्थ
<references/>