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537 / हीर / वारिस शाह
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अजू आखया कहर अंोर यारो वेखो गजब फकीर ने चाया ए
मेरा सीने दा केवड़ा<ref>जेष्ठ पुत्र</ref> मार जिदों कम कार थी चाए गवाया ए
फकर मेहर कदे सारी खलक उते एस कहर जहान ते चाया ए
वारस शाह मियां नवां सांग<ref>नज़ारा</ref> वेखो दिओ आदमी होए के आया ए
शब्दार्थ
<references/>