भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
बिना संगीत / एल्युआर
Kavita Kosh से
झूठे होते हैं गूँगे
बोल
मैं वाकई नाराज़ हूँ
अकेले ही बोल, बोल
और मेरे यह शब्द
उपजाते हैं ग़लतियाँ
बोल
ऐ मेरे नन्हे हृदय
बोल।
मूल फ़्रांसिसी से अनुवाद : हेमन्त जोशी