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बिषहरी चरित्र / बिहुला कथा / अंगिका लोकगाथा

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पार्टी लीडर कथा

होरे फूल तोड़े गेलौं हे माता कमल के दह हे।
अरे ओही फूल आवे हे देवी लेले अवतार हे॥
होरे पांचों तो बहिनी हे देवी पांचो समतूल हे।
ओरे पांचहुँके सिरशोभो काली चंदन केश हे माता हे॥
होरे नगर कोकिलापुर महादेव कर मठ माया हे।
होरे तेही मठरही छला महादेव पारवती हे माता॥
होरे तेही तो नगर हे छलैसोनादह पोखरी होमाया।
होरे चारो घाटबांधलजे छलैसोलरंअ के घ्ज्ञाट हेमाया॥
होरे तेही घाट स्नान रे करें भोलामहोव हेमाया।


होरे नितदिन आवेहे महादेव बन्दों आसनान हेमाया॥
होरे सोनादह आवेहे महादेव बंदों असनान हेमाया।
होरे पाँच जटा केशहे महादेव जलमें भासल हेमाया॥
होरे पाँच जटाकेश महादेव भेल कमलके फूल हेमाया।
होरे तेहीमें औतार लेले पांचो बहिन विषहरी हेमाया॥
होरे रोज तो सोमार गे माता लेले औतार होमाया।
होरे तब तो आएलै हे देवी गौराके मठ हेमाया॥
होरे तब वह डँसवे आजु गौरा पारवती हेमाया।
होरे तबजे कालीयेरे तोरा भोला महादेव हेमाया॥
होरे पाताल से आएलादेबा फल लेले बास हेमाया।
होरे चलल जे आवे हे देवता हे महादेव पास हेमाया॥
होरे पोखरी किनारे हेदेवता भयेगेल ठाढ़ हेमाया।