भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"सड़े समोसे / प्रभुदयाल श्रीवास्तव" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=प्रभुदयाल श्रीवास्तव |अनुवादक= |स...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

19:23, 2 अगस्त 2020 के समय का अवतरण

बहुत देर से खड़े समोसे।
आपस में लड़ पड़े समोसे।
"मैं सबसे ज़्यादा खस्ता हूँ"
इसी बात पर अड़े समोसे।
बच्चों ने छू-छू कर देखे,
कुछ कोमल कुछ कड़े समोसे।
कुछ तो छोटे-छोटे से थे,
कुछ थे काफ़ी बड़े समोसे।
जब पापा ने चखकर देखे,
सबके सब थे सड़े समोसे।
अम्मा ने बाहर फेके तो,
मिटटी में जा गड़े समोसे।