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"'मैं था भाई बहुत दुलारा / गुलाब खंडेलवाल" के अवतरणों में अंतर

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मिलता कौन सिवा लघु भ्राता!
 
मिलता कौन सिवा लघु भ्राता!
 
मैंने प्रभु आज्ञा से, माता  
 
मैंने प्रभु आज्ञा से, माता  
यह विष गले उतारा'
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                    यह विष गले उतारा'
 
 
 
 
 
'रहते नाथ न राजभवन में
 
'रहते नाथ न राजभवन में
 
मेरा वश चलता तो क्षण में  
 
मेरा वश चलता तो क्षण में  
 
नई अयोध्या रचता वन में
 
नई अयोध्या रचता वन में
ला सरजू की धारा  
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                      ला सरजू की धारा  
 
 
 
 
 
'ओट घड़ी भर की जब ले ली
 
'ओट घड़ी भर की जब ले ली
 
तूने क्या-क्या विपद न झेली!
 
तूने क्या-क्या विपद न झेली!
 
कैसे वन में आज अकेली
 
कैसे वन में आज अकेली
छोडूँ, देवि! दुबारा!'
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                      छोडूँ, देवि! दुबारा!'
  
 
'मैं था भाई बहुत दुलारा
 
'मैं था भाई बहुत दुलारा
 
मेरे सिवा न्याय यह निष्ठुर सधता किसके द्वारा!'
 
मेरे सिवा न्याय यह निष्ठुर सधता किसके द्वारा!'
 
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04:11, 22 जुलाई 2011 के समय का अवतरण


'मैं था भाई बहुत दुलारा
मेरे सिवा न्याय यह निष्ठुर सधता किसके द्वारा!'
 
 
'मुँह भी नहीं खोल जो पाता
मिलता कौन सिवा लघु भ्राता!
मैंने प्रभु आज्ञा से, माता
                    यह विष गले उतारा'
 
'रहते नाथ न राजभवन में
मेरा वश चलता तो क्षण में
नई अयोध्या रचता वन में
                      ला सरजू की धारा
 
'ओट घड़ी भर की जब ले ली
तूने क्या-क्या विपद न झेली!
कैसे वन में आज अकेली
                      छोडूँ, देवि! दुबारा!'

'मैं था भाई बहुत दुलारा
मेरे सिवा न्याय यह निष्ठुर सधता किसके द्वारा!'