भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"अंगड़ाई / ज़िया फतेहाबादी" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=ज़िया फतेहाबादी |संग्रह= }} {{KKCatNazm}} <poem> गुदगुदी दिल …)
 
(कोई अंतर नहीं)

22:06, 22 मार्च 2011 के समय का अवतरण

गुदगुदी दिल में हुई,
वलवले जाग उठे,
आरजूओं के शगूफे फूटे,
उफक ए यास से पैदा हुई उम्मीद की बेताब किरण,
शब्नामिस्तान ए तमन्ना में हर एक सिमत उजाला फैला,
खोल दी देर से सोए हुए जज़्बात ने आँख
खिरमन ए दिल में फिर इक आग सी भड़की चमकी,
इक तड़प एक शरार -

इस पे है अंजुमन ए दहर की गरमी का मदार,
खून रग रग में रवां,
इस से है हरकत में आलम का निज़ाम !