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अंतर / केशव

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माँ ने
कभी नहीं कहा
ये करो वो मत करो
पिता हमेशा कहते रहे यही

उन दोनों के कहने के बीच
अंतर था उतना ही
जितना होता है
होने न होने के बीच
वह दोनों के कथन के बीच
उगता रहा कुछ ऐसे
जैसे सुदूर
टिमटिमाती रोशनियाँ।