भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

अखबार / राजेन्द्र जोशी

Kavita Kosh से
Neeraj Daiya (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 03:57, 28 सितम्बर 2011 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

यह वह अखबार
नजर व्यापार पर थी
निकल अखबार रहा था
यह विचारों का बाजार
लगा था अखबार में
नजर मुनाफे पर थी
खबर अखबार की थी !
हासिल !
वह पाठक से पूछिये !