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"अगर आप दिल से हमारे न होते / गुलाब खंडेलवाल" के अवतरणों में अंतर

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|संग्रह=पँखुरियाँ गुलाब की  / गुलाब खंडेलवाल
 
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01:21, 21 मई 2010 का अवतरण


अगर आप दिल से हमारे न होते
यों नज़रों से इतने इशारे न होते

नहीं प्यार होता जो उनको किसी से
तो आँचल में ये चाँद-तारे न होते

बहुत शोर था उनकी दरियादिली का
हमें देखकर यों किनारे न होते

कहाँ से ग़ज़ल प्यार की यह उतरती
जो हम उन निगाहों के मारे न होते

गुलाब! आप खिलते जो राहों में उनकी
तो ऐसे कभी बेसहारे न होते