भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
|संग्रह=रात पश्मीने की / गुलज़ार
}}
{{KKCatKavitaKKCatNazm}}
<poem>
अगर ऐसा भी हो सकता---
करने पड़ते है.
</poem>
1.गुलज़ार का पैदाइशी कस्बा,जो कि आज जिला- झेलम,पंजाब,पाकिस्तान में है.
2,3,4,ये सब ज़िला झेलम के मारुफ मकामात हैं.
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader, प्रबंधक
35,100
edits