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"अदेह / शैलेन्द्र चौहान" के अवतरणों में अंतर

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आँखों में  
 
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धुँआ
 
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जैसे अन्धा कुआँ
 
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::सूरदास की आँखें
 
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::बगुला की पाँखें
 
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::::तुमने मुझे छुआ
 
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::::अंधेरे में  
 
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::::अदेह !
 
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::::::मैं उड़ा
 
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::::::झपटा मछली की  
 
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::::::आँख पर
 
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::::सूखे पोखर का
 
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::::रहस्य
 
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::::न मछली
 
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::::न मछली की आँख
 
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::बस
 
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::सूखे कठोर
 
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::मिट्टी के ढेले
 
::मिट्टी के ढेले
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01:09, 14 सितम्बर 2010 के समय का अवतरण

आँखों में
धुँआ
जैसे अन्धा कुआँ

सूरदास की आँखें
बगुला की पाँखें

तुमने मुझे छुआ
अंधेरे में
अदेह !

मैं उड़ा
झपटा मछली की
आँख पर

सूखे पोखर का
रहस्य
न मछली
न मछली की आँख

बस
सूखे कठोर
मिट्टी के ढेले