भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"अब अंजोर होही / लूथर मसीह" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=लूथर मसीह |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatChhatt...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
21:49, 14 अगस्त 2019 के समय का अवतरण
चारों मुड़ा अंधियार
अउ सन्नाटा मं
सुते रहिस छत्तीसगढ़ माई पिल्ला
दिया मं अभी तेल हावय
धीरे धीरे सूकवा उवत हे
पहाटिया के आरो होगे हे
ओखर लउठी के ठक ठक
बिहान होए के संदेशा
अब---
छत्तीसगढ़ के आंखी उघरत हे
अपन अधिकार बार लड़त हे
छत्तीसगढ़ मं
अब अंजोर होही
अब अंजोर होही ॥