भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
{{KKGlobal}}{{KKRachna|रचनाकार=गुलाब खंडेलवाल }}अब कहाँ चाँद-सितारे हैं नज़र के आगे!
बस उस तरफ के किनारे हैं नज़र के आगे