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"अब तुम नौका लेकर आये / गुलाब खंडेलवाल" के अवतरणों में अंतर
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जब लहरों में बहते-बहते हम तट से टकराये! | जब लहरों में बहते-बहते हम तट से टकराये! | ||
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सतत डूब जाने का डर था | सतत डूब जाने का डर था | ||
तब जाने यह प्रेम किधर था | तब जाने यह प्रेम किधर था | ||
− | ये | + | ये निःश्वास छिपाये! |
अब जब सम्मुख ठोस धरा है | अब जब सम्मुख ठोस धरा है |
02:12, 20 जुलाई 2011 के समय का अवतरण
अब तुम नौका लेकर आये
जब लहरों में बहते-बहते हम तट से टकराये!
जब सब ओर अतल सागर था
सतत डूब जाने का डर था
तब जाने यह प्रेम किधर था
ये निःश्वास छिपाये!
अब जब सम्मुख ठोस धरा है
छूट चुका सागर गहरा है
मिला निमंत्रण स्नेहभरा है--
'लो, हम नौका लाये'
क्या यह नाव लिए निज सिर पर
नाचें हम अब थिरक-थिरककर!
धन्यवाद दें तुम्हें, बंधुवर!
दोनों हाथ उठाये!
अब तुम नौका लेकर आये
जब लहरों में बहते-बहते हम तट से टकराये!