भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

अमृतलाल दुबे / परिचय

Kavita Kosh से
Dkspoet (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 20:16, 22 अक्टूबर 2016 का अवतरण

यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

लोक जीवन के तत्वों को गीतों के माध्यम से चित्रित करने वाले लोक कवि, जिन्हें मध्य प्रदेश शासन का प्रथम ईसुरी पुरस्कार, ‘तुलसी के बिरवा जगाय’ नामक कृति हेतु 1970 में दिया गया। अपनी इस कृति में छत्तीसगढ़ के लोकगीतों को तराशकर सजाकर प्रस्तुत किया। वे संगीत प्रेमी थे, वाद्यों को बजाना, फोटोग्राफी से लोक जीवन की झलकियों को अपने कैमरे में कैद करना उनका शौक था। आदिवासी नर्तक दल के साथ सम्पूर्ण परिधान में वे नृत्य करते थे।