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"अम्बर बदन झपाबह गोरि / विद्यापति" के अवतरणों में अंतर

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अम्बर बदन झपाबह गोरि।<br>
 
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राज सुनइ छिअ चांदक चोरि।।<br>
 
राज सुनइ छिअ चांदक चोरि।।<br>

20:04, 18 अप्रैल 2011 के समय का अवतरण

अम्बर बदन झपाबह गोरि।
राज सुनइ छिअ चांदक चोरि।।
घरे घरे पहरु गेल अछ जोहि।
अब ही दूखन लागत तोहि।।
कतय नुकायब चांदक चोरि।
जतहि नुकायब ततहि उजोरि।।
हास सुधारस न कर उजोर।
बनिक धनिक धन बोलब मोर।।
अधर समीप दसन कर जोति।
सिंदुर सीम बैसाउलि मोति।।
भनइ विद्यापति होहु निसंक।
चांदुह कां किछु लागु कलंक।।