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"आँखों में जल रहा है क्यूँ बुझता नहीं धुआँ / गुलज़ार" के अवतरणों में अंतर
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+ | उठता तो है घटा-सा बरसता नहीं धुआँ | ||
+ | चूल्हे नहीं जलाये या बस्ती ही जल गई | ||
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− | आँखों | + | आँखों के पोंछने से लगा आँच का पता |
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− | + | आँखों से आँसुओं के मरासिम पुराने हैं | |
− | + | मेहमाँ ये घर में आयें तो चुभता नहीं धुआँ | |
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19:38, 10 जून 2020 के समय का अवतरण
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आँखों में जल रहा है क्यूँ बुझता नहीं धुआँ
उठता तो है घटा-सा बरसता नहीं धुआँ
चूल्हे नहीं जलाये या बस्ती ही जल गई
कुछ रोज़ हो गये हैं अब उठता नहीं धुआँ
आँखों के पोंछने से लगा आँच का पता
यूँ चेहरा फेर लेने से छुपता नहीं धुआँ
आँखों से आँसुओं के मरासिम पुराने हैं
मेहमाँ ये घर में आयें तो चुभता नहीं धुआँ