भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

आँसुओं का खजाना / रति सक्सेना

Kavita Kosh से
Pratishtha (चर्चा) द्वारा परिवर्तित 01:52, 23 फ़रवरी 2008 का अवतरण (New page: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रति सक्सेना }} एक आँसू <br> उसके लिए <br> जो अपना ना बन सका<br><br> ...)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

एक आँसू
उसके लिए
जो अपना ना बन सका

एक आँसू
अपना बनने का
दिखावा करने वाले के लिए

एक आँसू
अपने आप से
दोस्ती करवाने बाले के लिए

आँसुओं का खजाना
खत्म हो गया