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आभास / विजयशंकर चतुर्वेदी

92 bytes added, 16:16, 9 जुलाई 2020
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|रचनाकार=विजयशंकर चतुर्वेदी
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|संग्रह=
}}
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उठा नहीं हूँ उठ-सा गया हूँ
 
गिरा नहीं हूँ गिर-सा गया हूँ
 
भरा नहीं हूँ भर-सा गया हूँ
 
डरा नहीं हूँ डर-सा गया हूँ
 
जिया नहीं हूँ जी-सा गया हूँ
 
मरा नहीं हूँ मर-सा गया हूँ।
</poem>
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