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और चेहरे के अगल-बगल से, जिनकी मुझको जानकारी है,
ऐसे चेहरे झाँक रहे हैं जिनको मैं नहीं जानता — शान्त और वास्तविक चेहरे,
मुझे सन्देह नहीं कि विश्व का ऐश्वर्य और सौन्दर्य विश्व के प्रत्येक कण में अन्तर्निहित है,
मुझे सन्देह नहीं कि मैं असीम हूँ और यह कि ब्रह्माण्ड असीम है,
मैं तो व्यर्थ ही यह सोचने का यत्न करता हूँ  कि वे कितने असीम हैं,
और एक दिन मैं भी उनके बराबर सब कुछ करने के योग्य हो जाऊँगा, 
बल्कि उनसे कहीं अधिक,
मुझे सन्देह नहीं कि  अस्थायी कार्यकलाप लाखों लाख वर्षों तक चलते रह सकते हैं,
मुझे कोई सन्देह नहीं कि अन्तरंग  के अपने अन्तरंग हैं और बहिरंग के 
अपने बहिरंग हैं और दृष्टि की अन्य दृष्टि है और आवाज़ की दूसरी आवाज़ है,
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