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"आ, सोने से पहले गा लें / हरिवंशराय बच्चन" के अवतरणों में अंतर
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− | आ, सोने से पहले गा लें! | + | आ, सोने से पहले गा लें ! |
जग में प्रात पुनः आएगा, | जग में प्रात पुनः आएगा, | ||
सोया जाग नहीं पाएगा, | सोया जाग नहीं पाएगा, | ||
− | आँख मूँद लेने से पहले, आ, जो कुछ कहना कह डालें! | + | आँख मूँद लेने से पहले, आ, जो कुछ कहना कह डालें ! |
− | आ, सोने से पहले गा लें! | + | आ, सोने से पहले गा लें ! |
दिन में पथ पर था उजियाला, | दिन में पथ पर था उजियाला, | ||
फैली थी किरणों की माला | फैली थी किरणों की माला | ||
− | अब अँधियाला देश मिला है, आ, रागों का द्वीप | + | अब अँधियाला देश मिला है, आ, रागों का द्वीप जला लें ! |
− | आ, सोने से पहले गा लें! | + | आ, सोने से पहले गा लें ! |
− | काल- | + | काल-प्रहारों से उच्छशृंखल, |
− | जीवन की लड़ियाँ | + | जीवन की लड़ियाँ विशृंखल, |
− | इन्हें जोड़ने को, आ, अपने गीतों की हम गाँठ | + | इन्हें जोड़ने को, आ, अपने गीतों की हम गाँठ लगा लें ! |
− | आ, सोने से पहले गा लें! | + | आ, सोने से पहले गा लें ! |
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14:48, 13 दिसम्बर 2023 का अवतरण
आ, सोने से पहले गा लें !
जग में प्रात पुनः आएगा,
सोया जाग नहीं पाएगा,
आँख मूँद लेने से पहले, आ, जो कुछ कहना कह डालें !
आ, सोने से पहले गा लें !
दिन में पथ पर था उजियाला,
फैली थी किरणों की माला
अब अँधियाला देश मिला है, आ, रागों का द्वीप जला लें !
आ, सोने से पहले गा लें !
काल-प्रहारों से उच्छशृंखल,
जीवन की लड़ियाँ विशृंखल,
इन्हें जोड़ने को, आ, अपने गीतों की हम गाँठ लगा लें !
आ, सोने से पहले गा लें !