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"आ, सोने से पहले गा लें / हरिवंशराय बच्चन" के अवतरणों में अंतर

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आ, सोने से पहले गा लें !
 
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काल-प्रहारों से उच्छशृंखल,
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काल-प्रहारों से उच्छृंखल,
 
जीवन की लड़ियाँ विशृंखल,
 
जीवन की लड़ियाँ विशृंखल,
 
इन्हें जोड़ने को, आ, अपने गीतों की हम गाँठ लगा लें !
 
इन्हें जोड़ने को, आ, अपने गीतों की हम गाँठ लगा लें !
 
आ, सोने से पहले गा लें !
 
आ, सोने से पहले गा लें !
 
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14:51, 13 दिसम्बर 2023 का अवतरण

आ, सोने से पहले गा लें !

जग में प्रात पुनः आएगा,
सोया जाग नहीं पाएगा,
आँख मूँद लेने से पहले, आ, जो कुछ कहना कह डालें !
आ, सोने से पहले गा लें !

दिन में पथ पर था उजियाला,
फैली थी किरणों की माला
अब अँधियाला देश मिला है, आ, रागों का द्वीप जला लें !
आ, सोने से पहले गा लें !

काल-प्रहारों से उच्छृंखल,
जीवन की लड़ियाँ विशृंखल,
इन्हें जोड़ने को, आ, अपने गीतों की हम गाँठ लगा लें !
आ, सोने से पहले गा लें !