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"इन्तज़ार करो मैं लौटूँगा / कंस्तांतिन सीमानफ़" के अवतरणों में अंतर

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इन्तज़ार कर, मैं लौटूँगा ।
 
इन्तज़ार कर, मैं लौटूँगा ।
 
इन्तज़ार कर तू मेरा,
 
इन्तज़ार कर तू मेरा,

10:17, 12 मार्च 2013 का अवतरण

इन्तज़ार कर, मैं लौटूँगा ।
इन्तज़ार कर तू मेरा,
इंतज़ार कर तू, जब उदास हो
हो तेज़ बारिश का फेरा,
इंतज़ार कर, जब बर्फ़ गिरे
और गर्मी पड़े भारी,
जब भूल चुके हों सबको, सब कोई
भूल कहानी सारी,
इन्तज़ार कर, जब दूर जगह से
ख़त भी न आ पाएँ,
इन्तज़ार कर, जब सब थक जाएँ
और थक कर सो जाएँ ।
 
इन्तज़ार कर, मैं लौटूँगा
और भूल जा उन सबको
जो याद करते वह सब-कुछ
भूल जाना था जिसको
बेटा सोचे, माँ भी सोचे
मैं ज़िन्दा नहीं बचा हूँ
दोस्त थक जाएँ बाट जोहते
सोचें कि मर चुका हूँ
जाम पिएँ वो मेरी याद में
बैठ अलाव किनारे
पर तू इंतज़ार कर मेरा, जानम !
यादों के सहारे
 
इन्तज़ार कर, मैं लौटूँगा
हर मौत को हराकर
इन्तज़ार मेरा जो छोड़ चुके हैं
उनको सिर हिलाकर
समझ नहीं पाएँगे वो
कैसे तूने मुझे बचाया
इन्तज़ार किया तूने मेरा तो
मैं ज़िन्दा रह पाया
सिर्फ़ मैं और तू यह जानेंगे, जानम !
मैं कैसे लौट के आया
इन्तज़ार किया तूने मेरा, ज़िन्दगी !
सिर्फ़ तूने मुझे बचाया