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"इन्तजार / अर्चना कुमारी" के अवतरणों में अंतर

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आसमान की तरफ नजर उठाओ
 
आसमान की तरफ नजर उठाओ

13:24, 11 दिसम्बर 2017 के समय का अवतरण

आसमान की तरफ नजर उठाओ
तो जेहन खन खन बजता है
घनघनाती है बेसुरी सांसे
लफ्ज नहीं बुदबुदाते
मोड़कर पलकें
जमीं की ओर
लौट आती हैं आंखें

इंतजार अंतहीन हुआ करता है।