भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

इब्ने इंशा

143 bytes added, 13:55, 24 जून 2008
* [[रात के ख्वाब सुनाएं किस को रात के ख्वाब सुहाने थे / इब्ने इंशा]]
* [[जोग बिजोग की बातें झूठी सब जी का बहलाना हो / इब्ने इंशा]]
* [[कमर बांधे हुए चलने पे यां सब यार बैठे हैं / इब्ने इंशा]]