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इश्क़ का अब है इरादा कर लिया / रंजना वर्मा

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इश्क़ का अब है इरादा कर लिया।
आपसे मिलने का वादा कर लिया॥

दिल की नगरी में बसाया आपको
जब झुकाया सर नज़ारा कर लिया॥

हैं हरिक वादा किया झूठा मगर
आप पर फिर भी भरोसा कर लिया॥

साथ था चलना हमें हमराह बन
आपने ही पर किनारा कर लिया॥

हिज्र की जब धूप झुलसाने लगी
आपकी यादों का साया कर लिया॥