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वहाँ मत कर आना मेरा लगन
वहाँ तो कतई नहीनहीं
जहाँ की सड़कों पर
मान से भी ज़्यादा तेज़ दौड़ती हों मोटर-गाडियाँ
जिस घर में बड़ा-सा खुला आँगन न हो
मुर्गे की बाँग पर जहाँ होती ना हो सुबह
और शाम पिछवाडे पिछवाडे़ से जहाँ पहाडी पहाडी़ पर डूबता सूरज ना दिखे ।
मत चुनना ऐसा वर
जो बात-बात में
बात करे लाठी-डंडे की
निकाले तीर-धनुष कुल्हाडीकुल्हाडी़
जब चाहे चला जाए बंगाल, आसाम, कश्मीर
ऐसा वर नहीं चाहिए मुझे
फसलें नहीं उगाई जिन हाथों ने
जिन हाथों ने नहीं दिया कभी किसी का साथ
किसी का बोझ नही नहीं उठाया
और तो और