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"उपेक्षित हो क्षिति से दिन रात / हरिवंशराय बच्चन" के अवतरणों में अंतर
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जिसे इसको करना था, प्यार, | जिसे इसको करना था, प्यार, | ||
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कि जिसका होने से मृदु अंश | कि जिसका होने से मृदु अंश | ||
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इसे था उसपर कुछ अधिकार, | इसे था उसपर कुछ अधिकार, | ||
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20:04, 25 जुलाई 2020 के समय का अवतरण
उपेक्षित हो क्षिति के दिन रात
जिसे इसको करना था, प्यार,
कि जिसका होने से मृदु अंश
इसे था उसपर कुछ अधिकार,
अहर्निश मेरा यह आश्चर्य
कहाँ से पाकर बल विश्वास,
बबूला मिट्टी का लघुकाय
उठाए कंधे पर आकाश!