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"एक आदमी के बारे में / महमूद दरवेश" के अवतरणों में अंतर
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भर देंगे खेतों को | भर देंगे खेतों को | ||
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करोड़ों-करोड़ हरी बालियों से | करोड़ों-करोड़ हरी बालियों से | ||
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+ | '''अँग्रेज़ी से अनुवाद : अनिल जनविजय''' | ||
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03:08, 5 अगस्त 2016 के समय का अवतरण
उन्होंने उसके मुँह पर ज़ंजीरें कस दीं
मौत की चट्टान से बाँध दिया उसे
और कहा — तुम हत्यारे हो
उन्होंने उससे भोजन, कपड़े और अण्डे छीन लिए
फेंक दिया उसे मृत्यु-कक्ष में
और कहा — चोर हो तुम
उसे हर जगह से भगाया उन्होंने
प्यारी छोटी लड़की को छीन लिया
और कहा — शरणार्थी हो तुम, शरणार्थी
अपनी जलती आँखों
और रक्तिम हाथों को बताओ
रात जाएगी
कोई क़ैद, कोई ज़ंजीर नहीं रहेगी
नीरो मर गया था रोम नहीं
वह लड़ा था अपनी आँखों से
एक सूखी हुई गेहूँ की बाली के बीज़
भर देंगे खेतों को
करोड़ों-करोड़ हरी बालियों से
अँग्रेज़ी से अनुवाद : अनिल जनविजय