भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"एक मेरा दोस्त मुझसे फ़ासला रखने लगा / उदयप्रताप सिंह" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=उदयप्रताप सिंह }} {{KKCatGhazal‎}}‎ <poem> एक मेरा दोस्त मुझसे…)
 
(कोई अंतर नहीं)

20:56, 26 सितम्बर 2010 के समय का अवतरण

एक मेरा दोस्त मुझसे फ़ासला रखने लगा
रुतबा पाकर कोई रिश्ता क्यों भला रखने लगा

जब से पतवारों ने मेरी नाव को धोखा दिया
मैं भँवर में तैरने का हौसला रखने लगा

मौत का अंदेशा उसके दिल से क्या जाता रहा
वह परिन्दा बिजलियों में घोसला रखने लगा

जिसकी ख़ातिर मैंने सारी दीन-दुनिया छोड़ दी
वह मेरा दिल मुझसे ही शिकवा-गिला रखने लगा

मेरी इन नाकामियों की कामयाबी देखिए
मेरा बेटा दुनियादारी की कला रखने लगा