भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

एक सामान्य रुग्णता / तानूर ओजाइडे / राजेश चन्द्र

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

केवल एक रुग्ण व्यक्ति भी
दफ़्न कर सकता है किसी देश को
अपने लोहे के बूटों से
यदि सामूहिक क़ब्रों को
आड़ देने की चेतना
अनुपस्थित हो उसके भीतर

तमाम चीख़ों-कराहों,
ग़ायब होती शक़्लों
और उन रुधिरों की भी
साक्षी रही है पृथ्वी
जिनसे तर किए जाते रहे हैं झण्डे

एक शैतान जिन्न
यातनाएं देता है महासंघ को।

अँग्रेज़ी से अनुवाद : राजेश चन्द्र