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ओम जय जगदीश हरे / श्रद्धा राम फिल्‍लौरी

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ओम जै जगदीश हरे स्वामी जै जगदीश हरे
भक्तजनों के संकट क्षण में दूर करें
 
जो ध्यावे फल पावे दुख बिन से मन का
सुख संपति घर आवे कष्ट मिटे तन का
 
मातु पिता तुम मेरे शरण गहूं किस की
तुम बिन और न दूजा आस करूं किसकी

तुम पूरण परमात्मा तुम अंतरयामी
पार ब्रह्म परमेश्वर तुम सबके स्वामी