भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"करिया बादल / एस. मनोज" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=एस. मनोज |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatMaithiliRac...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

19:46, 20 फ़रवरी 2019 के समय का अवतरण

करिया बादल बरखा देत
बरखा बुन्नी पड़तै खेत

खेतमे तखनहि उगतै धान
अपना सभहक माँछ मखान

कृषक मजूर ल भेंटतै काम
नहिये रहतै कियो बेकाम

फसल उपजतै भेंटतै पाय
नबका कपड़ा देतै माय

डबरा पोखरि हेतै पानि
सभे खुछ अछि ई सभ जानि