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{{KKGlobal}}{{KKRachna|रचनाकार= रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
'''“करो भोर का अभिनन्दन'''<br>
रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’<br>
 
मत उदास हो मेरे मन <br>
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