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शेखर को मुन्नन से लड़वाया किसने
नोने के घर डाका पड़वाया किसने
रहने दे मालुम सब है मालूम हमें तू कैसा नेता है
मामा के आगे ममियारे की देता है
कर्तव्यों की नौका ................................
बोला था तुझसे रहना है चौकन्ना
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